रमेसर अपन छोटे बेटी के चइत मा बिहाव बखत अड़बड़ खुस रहिस। जम्मो सगा सोदर,नत्ता गोत्ता, चिन पहिचान,अरपरा परपरा ल नेवता देय रहिस।सबो मन आय घलाव रहिस।सहर के सबले बड़े सेठ ला घलो नेवता दिस। ओकर संग बीस बच्छर पहिली जब नानकुन नवा दुकान धरिस तब ले लेन देन चलत हे। आज ओकर दुकान बीस […]
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लइका अउ सियान खेलव कुरिया मा
गरमी नंगत बाड़ गे हवय।सियान ल कोन पुछय,लइका मन घर कुरिया ले निकले के हिम्मत नइ करत हे।वइसे आजकल के लइकामन घलाव थोकिन सुगसुगहा बानी के रहिथे।दाईच ददा मन ओला अइसने बना डरे हावय। माटी मा झन खेल, घाम मा झन जा कुलर कर बइठ, ठंडा पानी पी,ताते तात खा …..। नानम परकार के टोकई […]
बेटी के हाथ मा तलवार करव बिचार
ओ दिन छग ले परकासित सबो अखबार मा फोटू छपे रहिस, संगे संग लिखाय रहिस -“बेटियों ने थामी तलवार” । पढ़के मोर आत्मा कलप गे। जौन बेटी ल ओकर दाई ह चूल्हा फूकेबर, बर्तन मांजे बर,घर लिपेबर, साग भात रांधेबर, पढ़लिख के अपन गोड़ मा खड़े होयबर अउ ममता, मया के संग जिनगी बिताय के […]
कहानी – बड़की बहू
कमला के बिहाव होय 24 बच्छर होगे हे।ओ हा अपन बड़े नोनी के बिहाव घलाव कर डारिस।ओकर नानकुन बेटी नतनीन घलो आगे,फेर कमला के बुढ़ी सास अऊ ओकर सास ह आज ले गारी देयबर नी छोड़िन अउ न कमला ल बड़की बहू मानिन। कम पढ़े लिखे घलो नई हे कमला! अपन मईके के पहिली नोनी […]
इतवार के दिन संझा रमेसर के बेटी के आनजात होय के नियाव के बइटका सकलाय के हांका परिस। गांव के सियान मन संझा समाजिक भवन मा सकलाइन। आठ गांव के परमुख सियान घलो बलाय रहिस।कुरियाभर चमाचमा के मनखे बइठ गे। गांव के परमुख सियान ह पुकार करिस- रमेसर , बता जी कायबर बला हस? रमेसर […]
बाबा के सात सिद्धांत अउ सतनाम मनइया
हमर छत्तीसगढ़ के भूइंया हा पबरित अउ महान हे जेमा बड़े बड़े ग्यानिक अउ बिद्वान मन जनम धरीन।जौन देस अउ समाज ल नवा रद्दा बताइन।छत्तीसगढ़ बीर मन के भुइंया हरे फेर इही भुइंया मा गहिरागुरु, स्वामी आत्मानंद जइसन समाज सुधरइया अउ रद्दा बतइया मन जनम धरीन। इही मा एक नाव गुरु बाबाघासीदास घलो हे। जौन […]
हमन सब जानथन दुवापर जुग मा हस्तिनापुर के महामंतरी महातमा बिदुर जी कृष्न भक्त रहिन। भगवान ह दुर्योधन के 56 भोग ल छोड़के बिदुर के घर भाजी साग खायबर गिस। इही महाभारत के बेरा बिदुर जी ह धृतराष्ट ल सांति अउ नियाव के सीख देवय। भलुक ओ हा नइ मानय। ओकरे सेती वो कभू सुख […]
बाबा के सात सिद्धांत अउ सतनाम मनइया
हमर छत्तीसगढ़ के भूइंया हा पबरित अउ महान हे जेमा बड़े बड़े ग्यानिक अउ बिद्वान मन जनम धरीन।जौन देस अउ समाज ल नवा रद्दा बताइन।छत्तीसगढ़ बीर मन के भुइंया हरे फेर इही भुइंया मा गहिरागुरु, स्वामी आत्मानंद जइसन समाज सुधरइया अउ रद्दा बतइया मन जनम धरीन। इही मा एक नाव गुरु बाबाघासीदास घलो हे। जौन […]
नवा बच्छर के गोठ
नौ बच्छर के संतराम डबल रोटी खाय बर सतरा दिन ले दू कोरी रुपया जमा करेबर ऐती ओती हाथ लमावत हे। जब ले डबल रोटी के नांव ल सूने हे तब ले ओकर मन उही में अटक गे हावय, फेर गरीब के लईका बर दू कोरी माने चालीस रुपया चार लाख आय।दाई ददा तो पहिलीच […]
जड़कला मा करव योग रहव निरोग
हमर देस मा मउसम (रीतु)ल छे भाग मा बाटे हावय जेमा तीन मउसम गरमी,चउमास अउ जड़कला परमुख आय।जड़कला के मउसम हमर तन के अड़बड़ अकन परभाव बढ़ाय बर अच्छा होथे।ताकत, रकत, बिमारी ले लड़े बर प्रति रोधक। ए माउसम मा खाय पिये के बने बने जिनीस घलो मिलथे।लालभाजी,पालक, चनाभाजी, राखड़ी तिवरा भाजी आनी बानी के […]