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व्यंग्य

रखवारी

जनगल के परधान मनतरी हा, जनगल म परत घेरी बेरी के अकाल दुकाल के सेती बड़ फिकर करय। जे मुखिया बनय तिही हा, जनगली जानवर मन के फिकर म दुबरा जाये। एक बेर एक झिन मुखिया ला पता चलिस के, दूर देस के जनगल म, एक ठिन अइसे चीज के निरमान होये हे, जेला सिरीफ अपन तिर राखे ले, भूख गरीबी डर भय अपने अपन मेटा जथे। बड़ महंगुलिया आइटम रिहीस हे फेर, जनता के सेवा बर बिसाना घला जरूरी रिहीस। ओहा वो आइटम ला बिसाये के तै करिस। उधारी बाढ़ही करके अपन पेट काटके, बिसाये बर उदिम रच डरिस। जनगल के बिपकछी मन मुखिया उप्पर आरोप लगाये बर धर लिस। उंकर कहना रहय के, खाये बर दाना निही पादे बर भूंसा …..। का जरूरी हे अइसन चीज के, जेहा सिरीफ देखे के आय। बिपकछी मन, अवइया समे म मुखिया फेर रिपीट झिन होय कहिके, अबड़ डमफान मचइन। फेर मुखिया के इकछासकती के आगू काकरो नी चलिस। बिपकछी मन मुखिया उपर कमीसन झोंके के आरोप लगा दिन। मुखिया हा कमीसन के आरोप ले बिलकुलेच बेफिकर, ओ आइटम ला बिसा डरिस।
जनगल म एक बेर सनकट आगे। पानी नी गिरीस, दुकाल परगे। जानवर मन भूख के मारे तड़फे लगिन। चिरई चिरगुन पटापट मरे लगिन। जीव बचाये बर, महंगुलिया आइटम ला बाहिर निकाले के दिन आगे। फेर मुखिया ओला बाहिर निकालबेच नी करय। जे सनकट खातिर ओला बिसाये रहय उही सनकट आये म, ओकर उपयोग करत नी देख, बिपकछी मन जनगल के सरकारी कछेरी म नालिस कर दिस। कछेरी म बइठे जज, सफेद हाथी हा, बाढ़हत दबाव देख, सग्यान लिस अऊ जनगल के सरकार ला तलब करिस अऊ महगुलिया आइटम ला जानवर मन बर सारवजनिक करे बर किहीस। सरकार बहुत टालमटोल करिस फेर कछेरी के फटकार परिस त, ओ आइटम ला बाहिर निकाले बर, अपन मातहत मनला आदेस दिस।
केऊ दिन निकलगे। आइटम निकलबेच नी करिस। जानवर मन भूख म पटियाये लगिस। कछेरी म बइठे जज सफेद हाथी हा, पहिली बेर सहींच के सखती देखइस। महंगुलिया आइटम बाहिर अइस। ओकर नाव, राफेल हाड़ा रिहीस। येहा अइसे आइटम रिहीस, जेहा वाजिम म, जनता जानवर बर नी रिहिस बलकी, जनगल के नेता जानवर मनके पेट ला बिगन देखे भरे बर आय रिहीस। कछेरी हा राफेल हाड़ा ला देखेके इकछा परगट करिस। सरकार देखा नी सकिस सिरीफ इही बतइस के, ये हाड़ा हा सिरीफ कागज म बांचे हे। कछेरी पूछिस – कइसे ? त सरकार बतइस के, जेला येकर रखवारी बर राखे रेहेन तिही मन, येला चघलके नोच डरिन। कछेरी अवाक रहिगे अऊ पूछिस के आखिर कोन अइसे जानवर आय जेकर ले हाड़ा के रखवारी करवावत रेहेव ? जनगली सरकार बहुत मायूसी ले जवाब दिस – कुकुर ला हाड़ा के रखवारी बर नियुक्त करे रेहेन जज साहेब। उही हा पूरा हाड़ा ला ओकर लेनदेन के कागज समेत चट कर दिस। जांच चलिस। कुछ समे बाद ……. हाड़ा बोजइया कुकुर मिलगे फेर, कुकुर के मुहुं म हाड़ा चुचरे के सबूत नी मिलीस। मामला चुनई तक खूब जोर पकड़िस। चुनई सिरागे। राफेल हाड़ा बिगन दिखे कतको के भूख मिटा दिस। फायदा पवइया सबो के मुहुं अपने अपन सिलागे। जनगल के जनता जानवर मन, अपन हिस्सा के राफेल हाड़ा अगोरत मुहुं ताकत बइठे हे।

हरिशंकर गजानंद देवांगन
छुरा .