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गीत

बीता भर पेट

तुम बइठे हव मजा उड़ावत, गूगल इंटरनेट के।
हम किंजरत हन बेवस्था मा, ए बीता भर पेट के।

साक्षात्कार बुलाथव जाथे, बेटा हा हर साल के।
खाली जेब कहाँ उत्तर दय, साहब तुँहर सवाल के।

यू मे गो कहि देथव सँउहे, पाछू मुँह मुरकेट के।
हम किंजरत हन बेवस्था मा, ए बीता भर पेट के।

रोजगार के अवसर आथे, मरीचिका के भेस मा।
बेटा भूखन लाँघन उखरा, शामिल होथे रेस मा।


फड्डल नाँव लिखाथे ऊपर,हमर नाँव ला मेट के।
हम किंजरत हन बेवस्था मा,ए बीता भर पेट के।

समाचार टी.वी.पेपर मा, विज्ञापन के जोर हे।
सुनय कोन गोहार हमर गा, राजनीति के शोर हे।

हमर भाग दरखास ह कब तक, बाहिर रइही गेट के।
हम किंजरत हन बेवस्था मा, ए बीता भर पेट के।

सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
मु.-गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़