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व्यंग्य

खतरनाक गेम

सरकार हा, ब्लू व्हेल कस, खतरनाक गेम ले होवत मऊत के सेती, बड़ फिकर म बुड़े रहय। अइसन मऊत बर जुम्मेवार गेम उप्पर, परतिबंध लगाये के घोसना कर दीस। हमर गांव के एक झिन, भकाड़ू नाव के लइका हा, जइसे सुनीस त, उहू सरकार तीर अपन घरवाले मन के, एक ठिन ओकरो ले जादा खतरनाक गेम उप्पर, परतिबंध लगाये बर, गोहनाये लागीस। सरकार बिन कुछ सुने, मना कर दीस। पढ़हे लिखे भकाड़ू, कछेरी पहुंचगे, नालीस कर दीस। कछेरी म जज पूछीस – तुंहर गेम कइसे खतरनाक हे तेमा, परतिबंध लगवाये बर पहुंचगे हाबस। भकाड़ू किथे – हमर घर के मन, जे गेम ला खेलत आवत हे जज साहेब ….. तेमा, मोरेच जानती म, मोर बबा, ददा अऊ कका के संग न सिरीफ मोर गांव के बलकी हमर देस के कतको मनखे, कन्हो फांसी लगाके, कन्हो जहर खाके, कन्हो टरक के आगू आके, अपन परान ला दे दीस। हमर ये गेम बहुतेच खतरनाक हे साहेब ….., येला खेलइया मनखे हा, भूख पियास ला तियाग के, बारों महिना लगे रहिथे। कुछेच दिन पहिली मोर परोसी हा ये गेम के चक्कर म, का मरीस…….., ओकर परिवार के नान नान नोनी बाबू मन, भूख ले तड़फ के मरगे…….। ये ब्लू व्हेल गेम ले, जादा खतरनाक हे साहेब, ब्लू व्हेल गेम तो सिरीफ, खेलइया के जान लेथे साहेब, ये खेल म तो, पूरा परिवार के परिवार खतम हो जथे, एमा जतका जलदी हो सके परतिबंध लगवा देतेव, हमरो घर परिवार गांव अऊ देस बांच जतीस।




अदालत किथे – तोर हालत ला देख के लगय निही के, तूमन अइसन कन्हो गेम खेल सकत हव, जेमा जान चल देथे….। जज साहेब सरकारी ओकिल कोती देखीस। सरकारी ओकिल जवाब देवत किहीस – सरकार केवल उही खेल म परतिबंध लगाये हे जेहा, मोबाइल म खेले ले, परान लेथे। येहा गरीब मनखे आय, येकर तीर मोबाइल कतिहां ले आही तेमा ….? भकाड़ू किथे – हमर हाथ म कुदारी, रापा अऊ नांगर के मूठ रिथे साहेब, हमन किसान आवन साहेब….. हमन ला ओतका फुरुसुत कहां के, मोबाइल के बटन चपक सकन। हमन अपन खेत म , पछीना बोहात ले खेलथन तब, अन्न उपजथे……..। चाहे चरचर ले घाम उवे, चाहे हाड़ा कांपत जाड़, चाहे कतको बादर पानी पदोये …….सबला झेल के, खेत अऊ खलिहान म माटी संग, गेम खेलइया कतेक दिन जीही साहेब ……..। हमर गेम के फर खाके, तुंहर कस बड़े मोबाइल वाले मनखे मन, अपन मौज म गेम खेलथे साहेब ……, जे दिन हमर खेल म परतिबंध लग जही ….वो दिन न काकरो हाथ म मोबाइल रहि, न कन्हो परकार के अइसन मीडिया …..तब कोन अइसन गेम खेलही अऊ कोनेच हा मरही ……। हमरो उप्पर किरपा करव, हमर गेम म परतिबंध लगवाके, हमू मन ला बचालव, सरी दुनिया बांच जही…….।




सरकारी ओकिल घला तियारी ले आय रहय। ओहा जवाब देवत किहीस – जज साहेब, गरीब किसान मनखे के, कन्हो गेम म परतिबंध लगाबो, त जम्मो देस म, बिपकछी मन, फोकटे फोकट हावी हो जही। सरकार के थुवा थुवा हो जही। गरीब किसान मनके, बिसेस खियाल रखइया रहनुमा आवन हमन ……ओकर सतनतरता म हमन बाधा नी परन ……। ये ब्लू व्हेल गेम खेलइया कतकेच मनखे हे तेमा …….ओकर उप्पर परतिबंध लगइच देबो, त कोनेच ला कतका फरक पर जही। कछेरी, सरकारी ओकिल के गोठ ला को जनी कतका समझिस, फेर, केस खारिज करत सिरीफ अतके किहीस के, किसान अपन गेम खेले के सेती निही, बलकी अपन संग, गेम खेलइया के सेती, आत्महतिया करत हे। दूसर संग गेम खेलइया उप्पर, हमर देस म कन्हो कानून निये तेकर सेती, अइसन मन के उप्पर अदालत के कन्हो जोर निये …….।

हरिशंकर गजानंद देवांगन, छुरा
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